केन्द्रीय सूचना आयोग के फैसले को डस्टबिन में डालने के बाद सरकार राजनीतिक दलों को सूचना अधिकार कानून 2005 के दायरे से बाहर करने की जुगत में है। सरकार के इस प्रस्ताव पर लेफ्ट-राइट किसी के भी ऐतराज करने की गुंजाइश नहीं है। पारदर्शिता और खुलासा हमेशा से ‘पड़ोस’ की वस्तु रहे हैं और राजनीतिक […]