The issue has been discussed for a few decades; some commissions have recommended it; a few states have already done it. The Indian electoral rolls are once again in the news. The government wants to prepare a single roll for national, state and local elections to municipalities and panchayats. Currently, many states have separate […]
Month: September 2020
राजनीतिक दल खुद ही करें आय – संपत्ति का खुलासा
पिछले 15 वर्षों से राजनीतिक दलों की भरसक कोशिश रही है कि मतदाताओं को चुनावी फंडिंग के बारे में पता न चले लोकतंत्र में राजनीति और चुनावों में पैसे की भूमिका बढ़ती जा रही है। कई रिपोर्टों में सामने आया कि 2019 के चुनावों में अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव से ज्यादा पैसा खर्च हुआ। इससे लोकतंत्र, […]
वोट बहिष्कार के आगे और ‘नोटा’ में समाधान ढूंढ़ना होगा
बिहार के लक्खीसराय अंतर्गत कई गांवों के लोगों को गर्मी के दिनों में कई किलोमीटर दूर से पेयजल ढो कर लाना पड़ता है। चार सौ घरों के मझियांवा में बारह सौ मतदाता हैं, जो पिछले लोकसभा चुनाव में आज़ादी के बाद मिले सबसे बड़े और क्रांतिकारी वोट के अधिकार का बहिष्कार कर दिया, लेकिन उनकी […]
क्या निर्वाचन आयोग की चिट्ठी का असर राजनीतिक पार्टियों के ऊपर होगा ?
यह सर्वविदित है कि सर्वप्रथम राजनीतिक पार्टियां गंभीर अपराधों के आरोपित उम्मीदवारों को अपना उम्मीदवार घोषित करती है इसके बाद जनता उस उम्मीदवार को मजबूरन चुनती है, लेकिन, पिछले दिनों चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को अपनी चिट्ठी में हिदायत करते हुए लिखा है कि वे वैसे उम्मीदवारों को प्रत्याशी नहीं बनाए, जिसके खिलाफ […]
क्या आय के स्रोतों के खुलासे से राजनीति में आ पाएगी शुचिता ?
चुनाव प्रक्रिया में सुधार एवं राजनीति में शुचिता के लिए उच्चतम न्यायालय ने पिछले दिनों एक ऐतिहासिक व अहम फैंसला सुनाया था। न्यायालय ने याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सांसद एवं विधायकों की संपत्ति इतनी कैसे बढ़ जाती है ? यह जनता को जानने का अधिकार है। फैंसले के मुताबिक उम्मीदवारों […]
Decriminalization Of Politics: Are Supreme Court’s Directions Sufficient To Counter Increasing Criminality In Indian Politics?
The recent judgments of the Supreme Court on ‘curbing criminalization in politics’ has left this nation both, abandoned and disappointed. Where one cannot disregard the fact that Indian judicial system in the past had tried to resuscitate free and fair elections through various judicial pronouncements, this time Apex Court has sadly missed out on some […]